Gulzar Poetry

Gulzar Poetry :

13. जंगल जंगल पता चला है

जंगल जंगल बात चली है पता चला है
जंगल जंगल बात चली है पता चला है
अरे चड्डी पहन के फूल खिला है फूल खिला है

जंगल जंगल पता चला है
चड्डी पहन के फूल खिला है
जंगल जंगल पता चला है
चड्डी पहन के फूल खिला है

एक परिंदा है शर्मिंदा था वो नंगा
इससे तो अंडे के अन्दर था वो चंगा
सोच रहा है बाहर आखिर क्यों निकला है
अरे चड्डी पहन के फूल खिला है फूल खिला है

जंगल जंगल पता चला है
चड्डी पहन के फूल खिला है

मोगली सीरियल के लिए सुप्रसिद्ध गीत।

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