सुविचार : Motivational Thoughts :
“कठोर किंतु सत्य”
*गुस्सा* भी एक माचिस की तरह है !
यह दुसरो को बरबाद करने से पहले खुद को बरबाद करता है
शब्दों की ताकत को कम मत आंकिये
साहेब क्योकि छोटा सा “हाँ” और छोटा सा “ना”
पूरी जिंदगी बदल देता है।
छोटी छोटी खुशियां ही तो जीने का सहारा बनती है ।।
ख्वाहिशों का क्या वो तो पल-पल बदलती है।।
आप कब सही थे इसे कोई याद नहीं रखता,
आप कब गलत थे इसे कोई नहीं भूलता !
आधी जिंदगी गुजार दी हमनें पढ़ते-पढ़ते और सीखा क्या ?
”एक दूसरे को नीचा दिखाना”
सबको गिला है, बहुत कम मिला है,
जरा सोचिए जितना आपको मिला है,
उतना कितनों को मिला है
कुछ लोग तो आपसे सिर्फ इसलिए भी नफरत करते हैं,
क्योंकि… बहुत सारे लोग आपसे प्यार करते है ।।
जिस धागे की गांठें खुल सकती हैं
उस धागे पर कैंची नहीं चलानी चाहिए।
बुराई कितनी भी बड़ी हो,
परंतु अच्छाई के सामने छोटी ही होती है ।
बड़प्पन वह गुण है,
जो पद से नहीं संस्कारों से प्राप्त होता है
परायों को अपना बनाना उतना मुश्किल नहीं,
जितना अपनों को अपना बनाए रखना होता है।
शिक्षक और सड़क दोनों एक जैसे होते हैं,
खुद जहा है वही पर रहते हैं,
पर दूसरों को उनकीं मंजिल तक पहुंचा ही देते हैं।
स्नान तन को ध्यान मन को दान धन को योग जीवन को
प्रार्थना आत्मा को व्रत स्वास्थ को क्षमा रिश्तो को
और परोपकार किस्मत को शुद्ध कर देता है।।