सूर्य नमस्कार के चरण ( Postures of Surya Namaskar )
मान्यताओं के अनुसार सूर्य नमस्कार(Surya Namaskar ) के कुल 12 चरण बताये गए है | अगर हम बात करे एक पुरे चक्र की तो कुल 24 स्टेप्स शामिल हो जाती है सूर्य नमस्कार(Surya Namaskar ) के समय | सूर्य नमस्कार(Surya Namaskar ) (योग) करने से मानसिक व शारारिक दोनों प्रकार के रोगो के प्रति शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है |
अगर आप प्रतिदिन निचे दिए गए सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar ) के चरणों की पलना करते हो तो आपको अन्य किसी भी प्रकार के योग करने की शायद ज़रूरत ही महसूस न हो
प्रथम चरण :प्रणामासन (Pranamasana – The Prayer Pose)
खुले मैदान में योगा मैट के ऊपर खड़े हो जाएं और सूर्य को नमस्कार करने के हिसाब से खड़े हो जाएं। सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को जोड़ कर सीने से सटा लें और गहरी, लंबी सांस लेते हुए आराम की अवस्था में खड़े हो जाएं। ध्यान रहे इस आँखे बंद हो तथा ध्यान केंद्र की ऒर हो |
द्वितया चरण हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana – Raised Arms Pose)
पहली अवस्था में ही खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाकर सीधा रखें। अब हाथों को प्रणाम की अवस्था में ही पीछे की ओर ले जाएं और कमर को पीछे की तरफ झुकाएं।
तीसरा चरण पादहस्तासन (Padahastasana – Standing Forward Bend)
अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकते हुए हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं। इस समय आपका सिर घुटनों से मिला होना चाहिए।
चौथा चरण अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana – Equestrian Pose)
धीरे-धीरे सांस लें और सीधा पैर पीछे की ओर फैलाएं। सीधे पैर का घुटना जमीन से मिलना चाहिए। अब दूसरे पैर को घुटने से मोड़ें और हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें। सिर को आसमान की ओर रखें।
पांचवा चरण दंडासन (Dandasana – Staff Pose )
अब सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों और पैरों को सीधी लाइन में रखें और पुश-अप की पोजीशन में आ जाएं।
छठा चरण अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara – Eight Limbed pose or Caterpillar pose)
अब सांस लेते हुए अपनी हथेलियों, सीने, घुटनों और पैरों को जमीन से मिलाएं। इस अवस्था में रहें और सांस को रोकें।
सातवां चरण भुजंगासन (Bhujangasana – Cobra Pose)
अब हथेलियों को जमीन पर रखकर पेट को जमीन से मिलाते हुए सिर को पीछे आसमान की ओर जितना हो सके झुकाएं।
आठंवा चरण अधोमुख शवासन (Adho Mukha Svanasana – Downward-facing Dog Pose)
इसे पर्वतासन भी कहा जाता है। इसके अभ्यास के लिए अपने पैरों को जमीन पर सीधा रखें और कूल्हे को ऊपर की ओर उठाएं। सांस छोड़ते हुए कंधों को सीधा रखें और सिर को अंदर की तरफ रखें।
नौवा चरण अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana – Equestrian Pose)
धीरे-धीरे सांस लें और सीधा पैर पीछे की ओर फैलाएं। सीधे पैर का घुटना जमीन से मिलना चाहिए। अब दूसरे पैर को घुटने से मोड़े और हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें। सिर को आसमान की ओर रखें।
दसवां चरण पादहस्तासन (Padahastasana – Hand Under Foot Pose)
अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकते हुए हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं। इस समय आपका सिर घुटनों से मिला होना चाहिए।
ग्यारवां चरण हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana – Raised Arms Pose)
पहली अवस्था में ही खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाकर सीधा रखें। अब हाथों को प्रणाम की अवस्था में ही पीछे की ओर ले जाएं और कमर को पीछे की तरफ झुकाएं। इस दौरान आप आधे चांद का आकार बनाएंगी। इस आसन को अर्धचंद्रासन भी कहा जाता है।
बाहरवा चरण प्रणामासन (Pranamasana – The Prayer Pose)
सूरज की तरफ चेहरा करके सीधे खड़े हों और दोनों को पैरों को मिलाएं, कमर सीधी रखें। अब हाथों को सीने के पास लाएं और दोनों हथेलियों को मिलाकर प्रणाम की अवस्था बनाएं।